August 12, 2023

बाँध लिये अँजुरी में

बाँध लिये अँजुरी में-
जूही के फूल

मधुर गन्ध,
मन की हर एक गली महक गयी
सुखद परस,
रग-रग में चिनगी-सी दहक गयी
रोम-रोम उग आये-
साधों के शूल।

जोन्हा का जादू
जिन पंखुरियों था फैला,
छू गन्दे हाथों -
मैंने उन्हें किया मैला,
हाथ काट लो-
मेरे...
सजा है कबूल।

आह !
हो गयी मुझसे 
एक बड़ी भूल
अँजुरी में बाँध लिये 
जूही के फूल।

-रवीन्द्र भ्रमर
(पाँच जोड़ बाँसुरी से)

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