नये साल में क्या बदलेगा ?
तुमको क्या लगता है साधो
नये साल में क्या बदलेगा ?
उजड़े हु़ए गाँव के बाहर
झुलस रहा पीपल का बिरवा
जूठे पत्तल शहर चाटने
चले गये सब चिरई-चिरवा
लौट आये वापस फिर सुग्गा
क्या ऐसा मौसम बदलेगा ?
सहमी-सी रहती जो मैना
क्या वह खुल कर गा पाएगी
या फिर नये साल में भी वह
अपने पंख नुचा आएगी
बाजों की पंचायत में अब
खापों का, क्या सुर बदलेगा ?
रामचन्द्र कहता, अब्दुल कुछ
छुप छुप कर है प्लान बनाता
अब्दुल कहता, रामचन्द्र क्यों
जोर-जोर से शंख बजाता ?
रामचन्द्र-अब्दुल के मन का
खतरनाक संशय बदलेगा ?
तुमको क्या लगता है साधो
नये साल में क्या बदलेगा ?
-डा० प्रदीप शुक्ल
तुमको क्या लगता है साधो
नये साल में क्या बदलेगा ?
उजड़े हु़ए गाँव के बाहर
झुलस रहा पीपल का बिरवा
जूठे पत्तल शहर चाटने
चले गये सब चिरई-चिरवा
लौट आये वापस फिर सुग्गा
क्या ऐसा मौसम बदलेगा ?
सहमी-सी रहती जो मैना
क्या वह खुल कर गा पाएगी
या फिर नये साल में भी वह
अपने पंख नुचा आएगी
बाजों की पंचायत में अब
खापों का, क्या सुर बदलेगा ?
रामचन्द्र कहता, अब्दुल कुछ
छुप छुप कर है प्लान बनाता
अब्दुल कहता, रामचन्द्र क्यों
जोर-जोर से शंख बजाता ?
रामचन्द्र-अब्दुल के मन का
खतरनाक संशय बदलेगा ?
तुमको क्या लगता है साधो
नये साल में क्या बदलेगा ?
-डा० प्रदीप शुक्ल
नए साल में, नए शगूफ़े
ReplyDeleteनई चोरियां, निस-दिन डाके,
नेताओं को दूध-मलाई,
मजलूमों के हिस्से, फ़ाके.