कंक्रीट के महानगर में
सिमट रहे हैं लोग
कुनबा, घर, परिवार बिखरते
कैसा ये संयोग
अपनापन अब काट रहा है
बाहर सुख-दुख बाँट रहा है
भाई झगड़े, अलग हो गये
आँगन पड़ा उचाट रहा है
प्रेमभाव स्वारथ में बदला
ये कैसा दुर्योग
सिमट रहे हैं लोग
कुनबा, घर, परिवार बिखरते
कैसा ये संयोग
अपनापन अब काट रहा है
बाहर सुख-दुख बाँट रहा है
भाई झगड़े, अलग हो गये
आँगन पड़ा उचाट रहा है
प्रेमभाव स्वारथ में बदला
ये कैसा दुर्योग
कंक्रीट के महानगर में...
दादा नाना हुए पराये
चाचा मामा सब समझौते
किससे कैसे मतलब हल हो
बदलें वैसे रोज मुखौटे
कौन किसी पर करे भरोसा
बिना रीढ़ के लोग
दादा नाना हुए पराये
चाचा मामा सब समझौते
किससे कैसे मतलब हल हो
बदलें वैसे रोज मुखौटे
कौन किसी पर करे भरोसा
बिना रीढ़ के लोग
कंक्रीट के महानगर में...
सब अपने-अपने में खोये
जाग रहे या सोये-सोये
जाने कैसी फसल उगी है
कैसे बीज वक़्त ने बोये
वाट्सप और फेसबुक पर ही
बतियाते अब लोग
सब अपने-अपने में खोये
जाग रहे या सोये-सोये
जाने कैसी फसल उगी है
कैसे बीज वक़्त ने बोये
वाट्सप और फेसबुक पर ही
बतियाते अब लोग
कंक्रीट के महानगर में...
कंक्रीट के महानगर में
सिमट रहे हैं लोग
कुनबा, घर, परिवार बिखरते
कैसा ये संयोग
-सोनम यादव
कंक्रीट के महानगर में
सिमट रहे हैं लोग
कुनबा, घर, परिवार बिखरते
कैसा ये संयोग
-सोनम यादव
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