September 2, 2023

सुनो सभासद

सुनो सभासद
हम केवल
विलाप सुनते हैं
तुम कैसे सुनते हो अनहद ! 

पहरा बैसे
बहुत कड़ा है
देश किन्तु अवसन्न पड़ा है
खत्म नहीं
हो पायी अब तक
मन्दिर से मुर्दों की आमद
सूनो सभासद.. .

आवाजों से
बचती जाए
कानों में है रुई लगाए
दिन-पर-दिन है
बहरी होती जाती
यह बड़-बोली संसद
सूनो सभासद.. .

बौने शब्दों के
आश्वासन
और दुःखी कर जाते हैं मन
उतना छोटा
काम कर रहा
जिसका है जितना ऊँचा कद
सूनो सभासद.. .      

-माहेश्वर तिवारी

1 comment:

  1. उतना छोटा काम कर रहा
    जिसका जितना ऊंचा है कद

    सार्थक बात कहता, सुंदर नवगीत

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