बगिया में नाचेगा मोर
देखेगा कौन ?
तुम बिन ओ मेरे चितचोर
देखेगा कौन ?
नदिया का यह नीला जल
रेतीला घाट
झाऊ की झुरमुट के बीच
यह सूनी बाट
रह-रह कर उठती हिलकोर
देखेगा कौन ?
आँखड़ियों से झरते लोर
देखेगा कौन ?
बौने ढाकों का यह वन
लपटों के फूल
पगडंडी के उठते पाँव
रोकते बबूल
बौराये आमों की ओर
देखेगा कौन ?
पाथर-सा ले हिया कठोर
देखेगा कौन ?
नाचती हुई फुल-सुंघनी
बनतीतर शोख
घास पर सोन-चिरैया
डाल पर महोख
मैना की यह पतली ठोर
देखेगा कौन ?
कलंगी वाले ये कठफोर
देखेगा कौन ?
आसमान की ऐंठन-सी
धुएँ की लकीर
ओर-छोर नापती हुई
जलती शहतीर
छू-छूकर सांझ और भोर
देखेगा कौन ?
दुखती यह देह पोर-पोर
देखेगा कौन ?
-शम्भुनाथ सिंह
देखेगा कौन ?
तुम बिन ओ मेरे चितचोर
देखेगा कौन ?
नदिया का यह नीला जल
रेतीला घाट
झाऊ की झुरमुट के बीच
यह सूनी बाट
रह-रह कर उठती हिलकोर
देखेगा कौन ?
आँखड़ियों से झरते लोर
देखेगा कौन ?
बौने ढाकों का यह वन
लपटों के फूल
पगडंडी के उठते पाँव
रोकते बबूल
बौराये आमों की ओर
देखेगा कौन ?
पाथर-सा ले हिया कठोर
देखेगा कौन ?
नाचती हुई फुल-सुंघनी
बनतीतर शोख
घास पर सोन-चिरैया
डाल पर महोख
मैना की यह पतली ठोर
देखेगा कौन ?
कलंगी वाले ये कठफोर
देखेगा कौन ?
आसमान की ऐंठन-सी
धुएँ की लकीर
ओर-छोर नापती हुई
जलती शहतीर
छू-छूकर सांझ और भोर
देखेगा कौन ?
दुखती यह देह पोर-पोर
देखेगा कौन ?
-शम्भुनाथ सिंह
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