जब गया मैं घर
अचानक याद आई माँ
याद आई
एक सरिता
दौड़ती अविराम
याद आई
क्ल्पवृक्षी
एक शीतल छाँव
टूटता छप्पर
अचानक याद आई माँ
याद आई
एक भाषा
लाड़ से भरपूर
याद आई
एक दृष्टि
वृष्टि से मजबूर
काँपते अक्षर
अचानक याद आई माँ
याद आई
एक ममता
फूल में मकरंद
याद आई
एक घाटी
तीर्थों के संग
मन हुआ निर्झर
अचानक याद आई माँ
-डा० अश्वघोष
9897700267
सुन्दर भाव।
ReplyDeleteवाह मा को शत शत नमन
ReplyDeleteआपके यहाँ संकलित चारों नवगीतों को पढ़ मन प्रसन्न हुआ, साधुवाद |
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